उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में एक मस्जिद में रातोंरात पाँचवीं मंजिल बना दी गई। जबकि पहाड़ों में 5वीं मंजिल बनाने की अनुमति नहीं है। यह मंजिल बिना बागेश्वर जिला विकास प्राधिकरण से कोई अनुमति लिए एवं नक्शा पास किए ही बनाई गई और इसे अवैध निर्माण की श्रेणी में भी नहीं रखा जा रहा। प्रशासन को जब तक इस बात की भनक लगी, तब तक इस मस्जिद निर्माण का लगभग 90% निर्माण कार्य पूरा हो चुका था।
बताया जा रहा है कि मुल्सिम समुदाय द्वारा यह मस्जिद विधानसभा चुनाव और होली की प्रशासनिक व्यस्तताओं का फायदा उठाते हुए बना दी गई। इस दौरान प्रशासन को भनक तक नहीं लग पाई। ना ही इस निर्माण के लिए बागेश्वर जिला विकास प्राधिकरण से कोई अनुमति ली गई।
देवभूमि में भूसांख्यिकी परिवर्तन बन गया है बड़ा विषय
उल्लेखनीय है कि पहाड़ी प्रदेश में भूसांख्यिकी बदलाव एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है और इसी वजह से स्थानीय लोग प्रदेश में पड़ोसी राज्य हिमाचल की ही तर्ज पर एक ‘भू कानून’ की भी माँग कर रहे हैं।
वहीं, इन मजहबी चुनौतियों से निपटने के उद्देश्य से दोबारा मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करना अपनी प्राथमिकता बताया है।
बागेश्वर शहर में रातोंरात तैयार किए गए इस अवैध निर्माण को ले कर विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल ने जिलाधिकारी बागेश्वर को ज्ञापन सौंप कर इस बात की नाराजगी जताई है कि शहर की मस्जिद में रातों रात 5वीं मंजिल का निर्माण कर लिया गया, जबकि पहाड़ों में 5वीं मंजिल बनाए जाने की अनुमति नहीं है।
हिन्दू संगठनों ने इस बात पर भी नाराजगी जताई है कि बिना नक्शा पास कराए यह मंजिल बनाई गई और इसे अवैध निर्माण की श्रेणी में नहीं रखा जा रहा।
जानकारी के मुताबिक जिलाधिकारी के निर्देश पर पुलिस टीम ने वहाँ हो रहे अवैध निर्माण का जायजा लिया है। फिलहाल काम रुकवा दिया गया है। हालाँकि, डीएम के काम रुकवाने से पहले 90% काम मस्जिद प्रबंधकों द्वारा पूरा कर लिया गया है।
हिन्दू संगठनों ने मुस्लिम समुदाय पर लगाया सौहार्द बिगाड़ने का आरोप
हिन्दू संगठनों के विरोध के चलते अब जिला प्रशासन द्वारा मस्जिद इंतजामिया कमेटी को नोटिस दिए जाने की बात कही जा रही है। उधर बजरंग दल नेता सुरेश धपोला ने कहा है कि मुस्लिम समुदाय जानबूझ कर यह अवैध निर्माण करके माहौल खराब कर रहा है।
विहिप नेता भूपाल सिंह कुंवर, कुंदन सिंह, हितेंद्र सिंह, नवीन बजेठा, राजेन्द्र सिंह ने जिला प्रशासन से यह मांग की है कि इस अवैध निर्माण को गिराया जाए।