हॉलीवुड अभिनेता विल स्मिथ (Will Smith) ने ऑस्कर, 2022 में कॉमेडियन क्रिस रॉक को थप्पड़ मार दिया। क्रिस ने विल स्मिथ की पत्नी जेडा स्मिथ (Jada Pinkett Smith) के गंजेपन का मजाक उड़ाया था।
यह पूरी तरह से किसी की बिमारी का मजाक बनाना और बॉडी शेमिंग ही थी। थप्पड़ जड़ने के बाद विल स्मिथ अपनी सीट पर जाकर बैठे और वहीं से चिल्लाते हुए क्रिष रॉक से कहा कि वो अपनी जुबान से उनकी पत्नी का नाम न लें।
अच्छे इंसान अक्सर पश्चाताप में जीते हैं। विल स्मिथ अपने निजी जीवन में जैसे भी हों, उन्होंने क्रिस रॉक को थप्पड़ मारने की बात पर बाद में मंच पर ही माफ़ी माँगी और वो रोने लगे।
इस घटना के बाद क्रिस रॉक मंच पर बने रहे और उन्होंने वहाँ माहौल को सामान्य करने की कोशिश की। क्रिस रॉक ने कहा, “यह टेलीविज़न इतिहास में सबसे बेहतरीन रात होगी।”
इसके बाद अभिनेता विल स्मिथ को ‘किंग रिचर्ड फ़िल्म’ के लिए बेस्ट एक्टर अवॉर्ड भी मिला। अवार्ड लेते समय अपने भाषण में विल स्मिथ भावुक हो गए। वो रो पड़े और मंच पर क्रिस रॉक को थप्पड़ मारने के लिए उन्होंने माफ़ी माँगी।
भाषण में उन्होंने अवॉर्ड सेरेमनी में हुई इस घटना पर खेद जताते हुए कहा, “मैं अकादमी से माफ़ी माँगता हूँ। मैं अपने सभी नॉमिनेटेड साथियों से माफ़ी माँगना चाहता हूँ।”
दरअसल, कॉमेडियन क्रिस रॉक ने विल स्मिथ की पत्नी ज़ेडा पिंकेट स्मिथ के बालों पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा, “आई लव यू ज़ेड। मैं जीआई जेन 2 देखने को बेसब्र हूँ।”
हॉलीवुड की ‘जीआई जेन’ नाम की फिल्म 1997 में रिलीज हुई थी। इसमें मुख्य किरदार निभा रही अभिनेत्री डेमी मूर ने फ़िल्म के लिए अपना सिर मुंडवा लिया था।
बेस्ट एक्टर का ऑस्कर पुरस्कार जीतने वाले विल स्मिथ इस ‘चुटकुले’ से पहले तो सामान्य ही लगे लेकिन अपनी पत्नी के चेहरे के भाव देखने के बाद उन्होंने बिना इंतजार किए ऑस्कर के स्टेज पर जाकर क्रिस को जोड़कर थप्पड़ रसीद दिया। इवेंट में मौजूद सेलेब्स से लेकर टीवी दर्शकों और यहाँ तक कि खुद क्रिस रॉक, विल स्मिथ के इस व्यवहार को देखकर हैरान रह गए थे।
साल 2021 में जेडा स्मिथ ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपना एक वीडियो भी शेयर किया था। इसमें उन्होंने बताया था कि कैसे वह अलोपेशिया (Alopecia) नाम की बिमारी से लड़ रही हैं। उस समय जेडा के सर में अचानक से एक लाइन बन गई थी, उसे छुपाने को लेकर जेडा ने सर पर पगड़ी भी पहनी।
जेडा ने साल 2018 में अपनी रेड टेबल टॉक सीरीज में सबसे पहले इस बारे में बताया था। उन्होंने कहा था कि बहुत से लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि मैं इन दिनों पगड़ी क्यों पहन रही हूँ, मैंने इस बारे में अभी तक बात नहीं की है, इस बारे में बात करना आसान नहीं है।
बॉडी शेमिंग कॉमेडी या सारकाज्म नहीं
कॉमेडी के लिए अक्सर लोग ‘हास्य’ के लिए बॉडी शेमिंग का सहारा लेते हैं। घर-गाँव सड़क-बिजली और सभ्यता आने के बावजूद अभी भी यह हंसी-मजाक की आम बात हो चुकी है।
सवाल यह है कि अगर आपको लोगों को हँसाने के लिए किसी के रंग-शक्ल-क़द-भाषा-नस्ल पर हमला करना पड़ रहा है तो यह आपकी बेचारग़ी है, ना कि उसकी, जिस पर आप इसे ‘तगड़ा हमला’ मान रहे हैं।
आप सोचिए कि आपके पास इस से बेहतर रखने और देने के लिए और कुछ नहीं है। कई लोग बॉडी शेमिंग को सारकाज़्म की श्रेणी में रखकर खुद के लिए क्लीन चिट देते नज़र आते हैं, लेकिन सारकाज्म हास्य की वही विधा होती है, जिस पर यदि आपकी पकड़ है तो आपको कभी किसी को गाली देने, उसकी नक़ल करने, बॉडी शेमिंग करने की ज़रूरत ही ना पड़े। सारकाज्म सभ्य और स्कॉलर्ज़ के हास्य के तरीक़े और टूल्ज़ होते हैं, सड़क पर गाली देने वालों के नहीं।
कई लोग कहते हैं कि उन्हें लोग उनके साँवले/काले रंग की वजह से ### कहते हैं, लेकिन उन्हें इस से आपत्ति नहीं होती। बॉडी शेमिंग यदि कोई मजाक में भी कर रहा हो वह तब भी बराबर अपराध ही है। आप अगर साँवले हैं, इस पर कोई व्यंग्य करता है और आपको इस से आपत्ति नहीं, तब भी इसका विरोध करिए क्योंकि हो सकता है इस रंग के अन्य लोग मानसिक रूप से आपकी तरह मजबूत ना हों और वो इस कटाक्ष से जीवनभर दब्बू ही रह जाएँ।
मैंने स्कूल, समाज, नौकरी-पेशा में कई ऐसे होनहार लोग देखे हैं जो सिर्फ इस कारण अपनी प्रतिभा से न्याय नहीं कर पाए क्योंकि वो सामने आने से हमेशा घबराते ही रहे। इसकी वजह उनके करीबी ही थे, जो उन्हें उनके रूप, रंग और कद-काठी के कारण हमेशा दब्बू ही बनाते रहे।
दुर्भाग्य यह है कि आपकी सेल्फ एस्टीम को तोड़ने वाले अक्सर कोई दूर के लोग नहीं, बल्कि आपके और हमारे करीबी लोग ही होते हैं। आप उनसे यह शिकायत भी नहीं कर पाते कि वो ऐसा कुछ ना कहें जिस से आप मन ही मन अपने रूप-रंग को ले कर कुंठा पाल सकते हैं। आप बाहर निकलने से घबराने लगते हैं। आप किसी मंच पर जाने से डरने लगते हैं, कैमरा पर आने से आपको भय लगने लगता है। आप निजी संवाद के समय भी झेंपते ही रह जाते हैं
कुंठितों का वर्चस्व समाज में अपनी कुंठा दूसरों पर थोपने से भी बना रहता है। जितना उनके आस पास वाला दब्बू बना रहे, उतना ही वो उसे अपने व्यक्तित्व की महानता मानने लगते हैं और वो अक्सर ऐसा कर कर के अपनी गद्दी मज़बूत रखने का ख़्वाब देखते हैं।
जिन्हें दूसरों को लज्जित करना ‘किक’ देता हो, उन्हें इस से पोषित करने से बचिए। उनके साथ फ़ौरन वही करें जो विल स्मिथ ने क्रिस रॉक के साथ किया। वरना वो आज आपको प्रताड़ित करने का प्रयास कर रहे हैं, कल किसी और को इस से प्रताड़ित करेंगे। आप अपने हिस्से की ज़िम्मेदारी अवश्य निभाएँ।
आप नहीं जानते कि दूसरा व्यक्ति अपने निजी जीवन में कितने संघर्ष कर रहा है, आप यदि उनकी मदद नहीं कर सकते तो खुद को ‘मेच्योर’ साबित करने के लिए उनके संघर्षों में इज़ाफ़ा ना करें।
कुछ लोग यह कयास भी लगा रहे हैं कि हो सकता है विल स्मिथ का क्रिस रॉक को थप्पड़ मारना किसी स्क्रिप्ट का हिस्सा हो। इस संभावना को एकदम नकार भी नहीं सकते हैं क्योंकि अमेरिकी सिनेमा और उनके मुद्दे कब कहाँ से अपने लिए कैसी जगह बना लें यह कोई नहीं जानता। लेकिन यदि यह स्क्रिप्ट बॉडी शेमिंग या फिर किसी बिमारी के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से भी की गई है, तब भी इसकी सराहना की जानी चाहिए।