उत्तराखंड चुनाव प्रचार के दौरान मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलने का वादा करने वाले कॉन्ग्रेस के कथित कद्दावर नेता हरीश रावत अपनी ही पार्टी के निशाने पर आ गए हैं। हरीश रावत ने उनके इस बयान का प्रचार करने वाले फेसबुक पेज के खिलाफ FIR करने की बात कहते हुए खुद को मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रकरण से अलग करने की घोषणा की है।

हरीश रावत का कहना है कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी का मुद्दा भाजपा ने उन पर जबरन चिपकाया। स्वयं को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बताने वाले कॉन्ग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि वह ‘उत्तराखंडियत’ के मुद्दे पर मुख्यमंत्री और भाजपा सरकार को घेरने में कामयाब हो रहे थे तो भाजपा और उनके स्टार प्रचारकों ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी का दाँव खेला।

बुधवार (मार्च 16, 2022) को हरीश रावत ने भावुक हो कर अपने फेसबुक पेज पर लिखा,

“मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रसंग को मैं अपनी ओर से यहीं समाप्त करना चाहता हूँ। एक बात स्पष्ट है कि कुछ ताकतें मुझको केवल मुस्लिम परस्त सिद्ध करना चाहती हैं और दूसरी बात यह भी सिद्ध है कि कुछ ताकतों को इस बार लगा कि कॉन्ग्रेस ने व्यू रचना की है, उस व्यू रचना में सफल होने जा रही है तो उन ताकतों को यह लगा कि बिना कोई मुस्लिम अस्त्र खोजे उनकी नैया पार नहीं हो सकती है, इसलिए मुस्लिम अस्त्र उन्हीं का गढ़ा हुआ है। मैंने जो FIR दर्ज करवाई है उससे भी स्पष्ट है कि नकली अखबार और झूठा समाचार छपाकर किस प्रकार से उसको भाजपा के सोशल मीडिया के सिपाहियों से लेकर के उनके शीर्ष सिपाहियों ने भी उस अस्त्र का उपयोग हमारी व्यू रचना को ध्वस्त करने और हरीश रावत की राजनीति ध्वस्त करने के लिए किया।”

“मैं राजनीति में जिंदा रहूँ या न रहूँ! मगर मैं मानवता परस्त हूँ। मैं किसी जाति धर्म परस्त नहीं हूँ और मेरा धर्म, जिस पर मुझे अटूट विश्वास है, वह भी वसुधैव कुटुंबकम कहता है और अब वही ताकतें मेरी बेटी की राजनीति पर भी ग्रहण लगाने के लिए झूठ का सहारा ले रही है। मेरी बेटी ने भी एक FIR दर्ज की है, जिसमें उन्होंने शिकायत की है कि किस तरीके से एक झूठा बयान गढ़ कर कहा जा रहा है उन्होंने कहा कि मैं केवल मुसलमानों के वोट से जीत पाई हूँ। वह सर्व समाज के आशीर्वाद से जीती हुई बेटी है और हरिद्वार ग्रामीण के सर्व समाज ने उसे अपनी बेटी मानकर विधायक का दायित्व सौंपा है और वह उसको निष्ठा पूर्वक निभाएँगी इसका मुझे भरोसा है।”

हरीश रावत

पार्टी के भीतर मची सर फुटव्वल पर हरीश रावत ने कहा कि है कुछ लोग चाहते थे कि वह और उनकी बेटी चुनाव हार जाएँ। उन्होंने कहा कि अब हार के बाद वह जिम्मेदारी ले रहे हैं तो सामूहिक दायित्व से पीछे हटने वालों को सोचना चाहिए। त्याग की अपेक्षा केवल एक ही व्यक्ति या गुट से नहीं की जा सकती।

बता दें कि देहरादून जिले की सहसपुर विधानसभा क्षेत्र में कॉन्ग्रेस नेता अकिल अहमद ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने की माँग की थी। इस माँग करने के बाद बगावत पर उतरे अकिल को प्रदेश कॉन्ग्रेस उपाध्यक्ष पद का जिम्मा दे दिया गया। भाजपा ने देवभूमि उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी की माँग को चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया।

हालाँकि, कॉन्ग्रेस और उसके सभी नेताओं ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी की माँग से खुद को किनारे किया और अब नतीजों के बाद हार का ठीकरा हरीश रावत के सर फोड़ा जा रहा है।

लालकुआँ सीट से हरीश रावत के चुनाव हारते ही कॉन्ग्रेस के नेता ही उन पर हावी हो गए हैं। पार्टी के ही शीर्ष पदाधिकारियों ने कॉन्ग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हरीश रावत पर पैसे खाने और गबन तक के आरोप लगा दिए हैं, जिसके बाद हरीश रावत के भावुक करने वाले लेख भी सोशल मीडिया पर देखने को मिले।

रणजीत रावत ने कहा है कि हरीश रावत नए कार्यकर्ताओं को अफीम चटाकर सम्मोहित कर देते हैं और बड़ी मासूमियत से झूठ बोलते हैं। हरीश रावत पर गंभीर आरोप लगाते हुए कॉन्ग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हरीश रावत ने जिन लोगों को टिकट के नाम पर ठगा और उनसे बहुत बड़ी धनराशि इकट्ठा की आज वह लोग हरीश रावत को ढूँढ रहे हैं।

हरीश रावत के करीबी रह चुके रणजीत रावत ने एक बार फिर हरीश रावत की मनोदशा पर सवाल खड़े करते हुए राहत इंदौरी का एक शेर बोला है, “लगेगी आग तो आएँगे घर कई जद में, यहाँ पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है।”

रणजीत रावत ने कहा कि हरीश रावत के मैनेजर कई लोगों के पैसे लौटा चुके हैं, जबकि कई लोग अभी तक उनके चक्कर काट रहे हैं। रणजीत रावत ने कहा कि बहुत जल्दी दो-चार कहानियाँ आपके सामने आएँगी।

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