उत्तराखंड में मतदान के ठीक पहले दिन क्षेत्रीय पार्टी उत्तराखंड क्रांति दल (UKD) के प्रत्याशी मोहित डिमरी ने दावा किया था कि उन पर जानलेवा हमला किया गया है। इस मामले में अब रुद्रप्रयाग पुलिस ने जाँच के बाद स्पष्ट किया है कि मोहित डिमरी ने ये अफवाह फैलाई थी और उनके साथ ऐसी कोई भी घटना नहीं घटी।
रुद्रप्रयाग पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि 12 फरवरी को हमले की सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई थी। जाँच में पता चला है कि उस दिन पुलिस को जो भी सूचना दी गई थी, वह भ्रामक थी और वास्तव में ऐसी कोई घटना घटित ही नहीं हुई।
बता दें कि राज्य में वर्तमान में आदर्श आचार संहिता प्रभावी है। राज्य में गत 14 फ़रवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुए। मतदान से ठीक दो दिवस पूर्व, 12 फ़रवरी की रात रुद्रप्रयाग जिले में UKD प्रत्याशी ने दावा किया कि उन पर हमला किया गया है।
रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट से यूकेडी प्रत्याशी मोहित डिमरी ने आरोप लगाया था कि उन पर और उनके दो साथियों पर शनिवार रात करीब 10 बजे दो बाइक सवार चार लोगों ने पत्थरों से हमला कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस हमले में मोहित डिमरी बुरी तरह से घायल हो गए।
इस घटना के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर आक्रोशित लोगों ने त्वरित FIR और कार्रवाई किए जाने का भी सुझाव दिया था।
इसके बाद मोहित डिमरी अस्पताल में भर्ती हो गए और उनकी कुछ तस्वीर्रें भी सोशल मीडिया पर डाल दी गईं जिनमें वो सर से पैर तक पट्टी से बंधे हुए थे। बताया गया कि हमले में उनकी कार भी क्षतिग्रस्त हुई, जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
सहानुभूति के लिए किया नाटक
अब जाँच के बाद पता चला है कि उस दिन पुलिस को जो भी सूचना UKD प्रत्याशियों द्वारा दी गई थी, वह भ्रामक थी। वास्तव में ऐसी कोई घटना उनके साथ घटित ही नहीं हुई।
जाँच के लिए पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज एवं कॉल रिकॉर्ड भी जाँचे। डिमरी के साथ कार में ही मौजूद लोगों से भी विवरण माँगा गया और उन लोगों से भी पूछताछ की गई, जो डिमरी को प्राइवेट चिकित्सालय ले गए।
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि सभी बयानों के आधार पर यह बात सामने आई है कि UKD प्रत्याशी मोहित डिमरी द्वारा चुनाव में सहानुभूति बटोरने और फायदा लेने के इरादे से झूठी सूचना पुलिस को दी गई थी और घटनास्थल पर फर्जी माहौल तैयार किया गया।
मोहित डिमरी और उनके साथियों द्वारा खुद ही अपने वाहन के शीशे पत्थर से तोड़े गए और बेहद सावधानी से अपने पर कुछ हल्की चोटें लगवाईं गईं। पार्टी नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर पूरे घटनाक्रम को काफी बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया।
पुलिस ने कहा कि जिले में शान्ति एवं कानून व्यवस्था सम्बन्धी माहौल को खराब करने की साजिश रची गई थी। लेकिन पुलिस की सतर्कता एवं तत्परता से इस प्रयास को नाकाम कर दिया गया।
इस सम्बन्ध में जिला पुलिस के स्तर से रिपोर्ट न्यायालय में प्रेषित की जा रही है तथा न्यायालय के आदेश से इस सम्पूर्ण घटनाक्रम में संलिप्त लोगों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।