उत्तराखंड की राजनीति में कॉन्ग्रेस पार्टी मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वादे पर बुरी तरह फँस चुकी है। इस विवाद के सार्वजानिक होने पर अब हरीश रावत इस मामले पर ना ही सफाई दे पा रहे हैं और ना ही इस वादे से खुद को दूर कर पा रहे हैं। हालाँकि, भाजपा द्वारा उन्हें इस मुद्दे पर घेरने से वो बौखला जरूर गए हैं।
इस विवाद में अब नया मामला हरीश रावत की एक तस्वीर और FIR का भी जुड़ गया है। दरअसल, देवभूमि में मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलने के वादे के बाद हरीश रावत की तुलना अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्थापक और द्विराष्ट्र सिद्धांत के जनक सर सैयद अहमद खान से होने लगी।
सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे चित्र भी देखे गए, जिनमें फोटोशॉप के माध्यम से सर सैयद अहमद खान के चेहरे को बदल कर उसमें हरीश रावत से मिलते जुलते किसी चेहरे को लगा दिया गया। हालाँकि, कॉन्ग्रेस ने इसे हरीश रावत का ही चेहरा मानकर उन लोगों की खोज शुरू कर दी, जिनके द्वारा यह तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की गई थी।
भाजपा उत्तराखंड ने FIR की कॉपी शेयर करते हुए लिखा है, “हार दा, लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने के लिए पुलिस का सहारा। किस बात का डर है आपको, ऐसे क्यों बौखला गए हैं आप? लेकिन आप जितनी मर्जी FIR करवा लीजिए भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता नहीं झुकेगा और देवभूमि की संस्कृति को बचाने की लड़ाई लड़ता।
उत्तराखंड प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी ने कोटद्वार पुलिस से इस पर कार्रवाई की माँग की है। गौरतलब है कि कॉन्ग्रेस नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत राज्य में मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बाद नमाज की छुट्टी के अवकाश पर भी सफाई देते फिर रहे हैं।
उनके कार्यकाल का एक पत्र सामने आने के बाद बीजेपी पूर्व सीएम हरीश रावत पर हमलावर हो गई है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने कहा कि हरीश रावत को अब राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। रावत अक्सर दावा करते थे कि यदि कोई इस प्रकार का आदेश होगा तो वो संन्यास ले लेंगे। जोशी ने कहा कि कॉन्ग्रेस के नेता अपने सिर पर उत्तराखंडी टोपी रखते हैं और जेब में कोई और।
वहीं, हरीश रावत ने घोषणा की है कि अगर कॉन्ग्रेस सत्ता में आती है तो वो देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड राज्य में मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना करेंगे। बता दें कि हरीश रावत सीएम रहते 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान हरिद्वार ग्रामीण और किच्छा, दोनों सीट से चुनाव हार गए थे।