उत्तराखंड में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि उत्तराखंड में बीजेपी सत्ता में शपथ लेते ही, न्यायविदों और विद्वानों की एक समिति बनाकर ‘समान नागरिक संहिता’ यानी UCC बिल लेकर आएगी।
सीएम धामी ने यह घोषणा ऐसे समय में की है जब कर्नाटक हिजाब विवाद मामले को लेकर देशभर में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। सीएम धामी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी संविधान के आर्टिकल 44 के तहत ये अधिकार दिया हुआ है। हम ऐसा बिल लेकर आएँगे जो दूसरे राज्यों के लिए भी उदारहण प्रस्तुत करेगा।
सीएम धामी ने कहा कि समान नागरिक कानून के तहत उत्तराखंड सरकार जमीन जायदाद, विवाह तलाक आदि समस्याओं के समाधान का रास्ता सुझाएगी। उन्होंने दावा किया है कि यह कानून भाईचारे को बढ़ाएगा और महिला सशक्तिकरण को मजबूती मिलेगी।
सीएम धामी ने हिजाब मामले में कहा कि देश संविधान से चलता है न कि शरीयत से। उन्होंने कहा कि ऐसे विषय उत्तराखंड में विवाद का विषय नहीं बने इसलिए यहाँ एक समान नागरिक कानून को सख्ती से लागू करने की जरूरत है और हम वादा करते हैं कि हमारी सरकार पहला काम यही करेगी।
जनसंख्या अंसुतलन विषय पर सीएम धामी ने कहा कि हमारे दृष्टिपत्र का पहला बिंदु यही है और हमने इस पर एक समिति भी बना दी है, जिसकी रिपोर्ट आने पर उत्तराखंड में कुछ जिलों में बढ़ रही एक खास वर्ग की आबादी को कैसे नियंत्रित किया जाए, जिससे हमारी देवभूमि का स्वरूप बरकरार रहे इस पर ठोस निर्णय लिया जाएगा।
सीएम धामी ने कहा कि कॉन्ग्रेस के नेताओं ने तुष्टिकरण की राजनीति कर मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जुमे की नमाज और अब उनकी नेता प्रियंका वाड्रा जी हिजाब पर विवादास्पद बयान दे रही हैं। उन्होंने कहा कि बद्री-केदार हरिद्वार कैलाश मानसरोवर की चिंता कभी भी कॉन्ग्रेस ने नहीं की, न ही कॉन्ग्रेस ने वीर सैनिक परिवारों का सम्मान किया, जबकि इनमें राजनीति कहीं नहीं होनी चाहिए थी।
सीएम धामी ने विश्वास के साथ दावा किया कि हमारी सरकार पूर्ण बहुमत से बनेगी और हम विकास की नई गाथा लिखेंगे।
सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड में बीजेपी सत्ता में शपथ लेते ही, न्यायविदों और विद्वानों की एक समिति बनाकर ‘यूनिफार्म सिविल कोड’ बिल लेकर आएगी। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी संविधान के आर्टिकल 44 के तहत ये अधिकार दिया हुआ है।