चुनाव आयोग के अनुसार, उत्तराखंड में मौजूदा रुझान से स्पष्ट हो गया है कि सत्तारूढ़ भाजपा ने न केवल पहाड़ी राज्य में सत्ता-विरोधी लहर को विफल साबित कर दिया, बल्कि राष्ट्रीय हित, धार्मिक पर्यटन, राष्ट्रीय सुरक्षा, सेना कल्याण जैसे मुद्दों पर मतदाताओं को प्रभावित करने में भी भाजपा सक्षम रही है।

‘मोदी मैजिक’ ने अपना कमाल दिखाया और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उत्तराखंड में सत्ता में वापसी करने जा रही है। परिणामों ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि प्रदेश में मोदी मैजिक की धूम रही। मतदाताओं ने डबल इंजन पर भरोसा जताया। 

भाजपा 47 सीटें जीत चुकी है, जो कि 70 सीटों वाली विधानसभा में आवश्यक बहुमत से 11 अधिक हैं। इस जीत के साथ ही भाजपा राज्य में इतिहास बनाने में कामयाब रही क्योंकि यह पहली बार है जब इस पहाड़ी राज्य में कोई भी राजनीतिक दल वापसी करने में सफल रहा हो।

विधानसभा चुनावों में पाँच में से चार राज्यों में भगवा लहराने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन सभी राज्यों के मतदाताओं को धन्यवाद दिया।

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यह भाजपा के लिए एक तरह का रिकॉर्ड बनने जा रहा है यहाँ सत्ता विरोधी लहर के कारण साल 2000 में अपने गठन के बाद से किसी भी पार्टी को सत्ता बरकरार नहीं रह पाई है।

उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों में से अभी तक 65 सीटों के परिणाम आ गए हैं। जिनमें से 47 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। कॉन्ग्रेस के खाते में 19 सीटें गई हैं। बहुजन समाज पार्टी को दो सीटों पर जीत मिली हैं। साथ ही दो निर्दलीय भी जीते हैं।

इस बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जिन्होंने खटीमा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, चुनाव आयोग के आधिकारिक रुझानों के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी से 6,579 मतों के अंतर से हार गए।

कॉन्ग्रेस के कद्दावर नेता एवं मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हरीश रावत भी बुरी तरह से चुनाव हार गए। प्रदेश में कॉन्ग्रेस के चुनाव अभियान की बागडोर संभाल रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत नैनीताल जिले की लालकुआँ सीट से चुनाव हार गए।

रावत पिछले चुनाव में भी दो सीटों से चुनाव हार गए थे। प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी चुनाव हार गए हैं। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने जीत का सिलसिला बरकरार रखा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के लोगों को धन्यवाद दिया और समान नागरिक संहिता को लागू करने के अपने वादे को भी दोहराया। धामी ने भाजपा कार्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और उत्तराखंड के लिए पार्टी के चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।

उत्तराखंड में 14 फरवरी को वोट डाले गए वोटों की गिनती गुरुवार सुबह 8 बजे शुरू हुई। राज्य में 59.51% मतदान हुआ। साल 2017 में, मोदी लहर के चलते भाजपा कुल 70 विधानसभा सीटों में से 57 पर जीत हासिल करने में सफल रही, जबकि कॉन्ग्रेस ने सिर्फ 11 सीटें जीतीं।

आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल की भी गंगोत्री विधानसभा सीट से बुरी तरह से हार हुई। गंगोत्री विधानसभा से भाजपा के सुरेश सिंह चौहान की जीत हो चुकी है। उन्होंने कॉन्ग्रेस के उम्मीदवार विजयपाल को करीब 6,000 वोटों से हराया है।

उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल (Ajay Kothial) भी गंगोत्री से किस्मत आजमा रहे थे। हालाँकि कर्नल अजय कोठियाल तीसरे नंबर पर रहे। उन्हें लगभग 5,000 वोट ही मिल पाए।

हरक सिंह रावत की बहू और कॉन्ग्रेस उम्मीदवार अनुकृति गुसाईं रावत लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के दलीप सिंह रावत से 9,868 मतों के अंतर से हार गई हैं।

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