कर्नाटक में चल रहे बुर्का विवाद के बीच बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्षा की हत्या की घटना सामने आई। कर्नाटक के शिवमोगा में हर्षा की हत्या के आरोप में कर्नाटक पुलिस ने 8 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपितों की पहचान आसिफ, सैयद नदीम, रेहान शरीफ, निहान, अब्दुल अफनान और काशिफ के रूप में हुई है। एसपी प्रसाद ने कहा कि इस मामले में कुल 12 लोगों से पूछताछ की गई थी और 6 को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि इस हत्या में शामिल जिन 8 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया, उनकी उम्र 20 से 22 की है।
गौरतलब है कि गत 20 फरवरी को हर्षा (26) की हत्या कर दी गई थी। हर्षा की हत्या के बाद उनके पिता ने आरोप लगाया कि उनकी हत्या सिर्फ इसलिए की गई थी क्योंकि हर्षा बजरंग दल से जुड़ा था।
इसी बीच शिवमोगा के भाजपा नेता और प्रदेश सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा अपने एक बयान के कारण विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं।
कर्नाटक सरकार में मंत्री ईश्वरप्पा ने अपने बयान में कहा था कि बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा की हत्या ‘मुस्लिम गुंडों’ ने की और इसमें कुछ तथाकथित ‘मुस्लिम लोगों’ का भी हाथ है। इस मामले में उन्होंने कॉन्ग्रेस पर गुंडों को भड़काने का आरोप भी लगाया।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर शिवमोगा में तनावपूर्ण स्थिति पैदा करने का आरोप लगाया।
कॉन्ग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा,
“शिवमोग्गा गृहमंत्री का जिला है। तीन दिनों में यहाँ तीन हत्याएँ हो चुकी हैं। इसे कैसे समझाया जा सकता है? निषेधाज्ञा लागू होने पर पुलिस विभाग ने अंतिम संस्कार के जुलूस की अनुमति कैसे दी? तथ्य यह है कि मंत्री ईश्वरप्पा और सांसद राघवेंद्र ने अंतिम संस्कार के जुलूस में भाग लिया था, यह संकेत देता है कि यह राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित अंतिम संस्कार जुलूस था।”
सिद्धारमैया ने कहा कि हाथ में खंजर और कृपाण लिए लोग मंत्री के चारों ओर खुलेआम घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस जुलूस में ईश्वरप्पा आगे दिख रहे थे। उन्होंने न्यायिक जाँच की माँग करते हुए हैरानी जताई और कहा कि क्या इसे सभ्य सरकार कहा जा सकता है?
कर्नाटक के वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि ईश्वरप्पा की पार्टी राज्य में सरकार चलाती है और सरकार को चुनौती दी कि अगर उनके खिलाफ सबूत हैं तो पीएफआई और एसडीपीआई पर प्रतिबंध लगा दें।
उन्होंने कहा, “उन पर प्रतिबंध लगाने के बीच में कोई नहीं आ रहा है। हर्षा हत्याकांड की जाँच राष्ट्रीय जाँच एजेंसी या किसी अन्य जाँच एजेंसी के जरिए होने पर मुझे कोई आपत्ति नहीं है।”
कर्नाटक प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष और एमएलसी सलीम अहमद ने भी सरकार से ऐसे किसी भी संगठन पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा, जो हिजाब प्रकरण में मारे गए हर्षा की हत्या में भूमिका शामिल हो।
हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने एक ताजा बयान में कहा है कि शिवमोगा में हालात अब स्थिर हैं।
PFI की भूमिका पर उठ रहे हैं सवाल
हर्षा की निर्मम हत्या के बाद VHP अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि हर्षा की सुरक्षा के संबंध में सरकार को कई बार सूचित किया गया था, लेकिन इस संबंध में कोई निवारक कदम नहीं उठाया गया।
उन्होंने कहा कि केरल और कर्नाटक राज्यों में इस तरह की हत्या के मामले अक्सर सामने आए हैं। उन्होंने कहा, “यह जिहाद का एक रूप है जो खुले तौर पर ऐसी हत्याओं को सही ठहराता है।”
उन्होंने कहा कि हर्ष ने मुद्दों को मुखर रूप से उठाया और इसका जवाब मौखिक रूप से दिया गया होगा न कि हत्या से।
हत्या के मामले में पीएफआई की भूमिका के बारे में बोलते हुए, विहिप प्रमुख ने कहा, “हमारे पास कुछ इनपुट हैं जो इस मामले में पीएफआई की भूमिका बता रहे हैं।”
आलोक कुमार ने कहा, “यह जानकर हैरानी हुई कि पीएफआई ने हत्या के बाद जुलूस निकाला। पीएफआई एक आतंकवादी संगठन है जिस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।”
उन्होंने आरोप लगाया कि पीएफआई के कई सदस्य राजनीति में शामिल हैं और वे नेता नहीं बल्कि ‘टुकड़े टुकड़े गैंग’ के सदस्य हैं।