महाराष्ट्र (Maharashtra) में अब सुपर मार्केट और किराना की दुकानों में भी शराब (Wine) मिलेगी। उद्धव ठाकरे सरकार के इस फैसले की निंदा भी हो रही है। हालाँकि, शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने इसके बचाव में तर्क दिया है। उनका कहना है कि वाइन, शराब (liquor) नहीं है और इसकी बिक्री बढ़ने से किसानों को फायदा होगा।

संजय राउत ने समाचार एजेंसी ANI से कहा सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने के लिए यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, “वाइन, शराब नहीं है। अगर वाइन की बिक्री बढ़ती है तो इसका फायदा किसानों को मिलेगा। हमने किसानों की आय को दोगुना करने के लिए ऐसा किया है।”

राउत का यह बयान भाजपा द्वारा शिवसेना सरकार के फैसले के विरोध के बाद आया है। उन्होंने आगे कहा, “भाजपा केवल विरोध करती है, लेकिन किसानों के लिए कुछ नहीं करती।”

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस (Devendra Fadnavis) ने उद्धव सरकार के फैसले का विरोध करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाला गठबंधन राज्य को ‘मद्य-राष्ट्र (शराब राज्य)’ बनाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने ट्वीट किया कि अब सुपरमार्केट/किराना दुकानों से शराब की बिक्री! हम महाराष्ट्र को ‘मद्य’ राष्ट्र नहीं बनने देंगे।

फडणवीस ने कहा कि ये बड़े ही आश्चर्य की बात है कि कोरोना को रोकने के लिए स्कूलों और कॉलेजों के साथ-साथ मंदिरों जैसे धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया है, लेकिन शराब की दुकानों को खुला रहने दिया था।

उद्धव सरकार का फैसला

महाराष्ट्र कैबिनेट (Maharashtra Cabinet) ने गुरुवार को फैसला लिया था कि राज्य के हर सुपर मार्केट में वाइन उपलब्ध होगी। नए नियम के तहत अब से राज्य भर में किराना स्टोर और डिपार्टमेंटल स्टोर में वाइन बेची जा सकेगी।

अन्ना हजारे के सवाल

कोरोना का हवाला देकर महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में स्कूल, मंदिरों को बंद कर रखा है। समाजसेवी अन्ना हजारे (Anna Hazare) ने पिछले साल भी सरकार के आदेशों पर सवाल उठाया था। उन्होंने एक बयान में कहा कि शराब की दुकानों में लंबी लाइनें राज्य सरकार को ठीक लगती हैं, लेकिन मदिरों को खोलना उसे सही नहीं लगता।

अपनी टिप्पणी जोड़ें
Share.

दी लाटा का एकमात्र उद्देश्य समाचार, विश्लेषण एवं संस्मरणों के माध्यम से भारत की बात कहना है।

Exit mobile version