उत्तराखंड चुनाव के नतीजे आने अभी बाकी हैं लेकिन इसके कई जिलों से कॉन्ग्रेस के रुझान आने शुरू हो चुके हैं। एक ताजा प्रकरण में रुद्रप्रयाग जिले से कॉन्ग्रेस ने अपने 10 पदाधिकारियों को निष्कासित कर दिया है। आरोप है कि ये सभी कॉन्ग्रेस नेता चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे।

कॉन्ग्रेस संगठन के जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह बिष्ट ने बताया कि अभी और पदाधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल कॉन्ग्रेस जिला संगठन ने सभी की कॉन्ग्रेस की प्राथमिक सदस्यता समाप्त कर दी है। इसके साथ ही, पद मुक्त करते हुए 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।

इसकी जानकारी देते हुए कॉन्ग्रेस जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह बिष्ट ने कहा, “जिला कॉन्ग्रेस के महामंत्री कालीचरण रावत, जिला कॉन्ग्रेस महामंत्री चैन सिंह पंवार, ब्लॉक उपाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह चैहान, जिला महामंत्री नीरज डंगवाल, युवा सेवादल के पूर्व अध्यक्ष विशाल रावत, जिला उपाध्यक्ष रणवीर सिंह गुसाईं, जिला सचिव भारत भूषण कठैत, जिला सचिव मकर वैरवाण, किसान कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष विक्रम नेगी व संगठन मंत्री सुनील नौटियाल को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया गया है।”

पार्टी ने अपने बयान में कहा कि इन सभी पदाधिकारियों ने विधानसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ काम किया जिसके चलते पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर सभी पर कार्रवाई की गई।

बिष्ट ने कहा कि अभी और सदस्य हैं जिन्होंने कॉन्ग्रेस पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ भीतरघात किया है और जाँच के बाद तत्काल उन्हें भी पार्टी से निलंबित कर दिया जाएगा।

गौरतलब है कि कॉन्ग्रेस पार्टी का भीतरी कलह अब सामने आने लगा है। हाल ही में कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने भी एक बयान में कहा कि वो या तो मुख्यमंत्री बनेंगे या फिर अपने घर बैठेंगे।

चर्चा ऐसी भी हैं कि हरीश रावत इस बार चुनाव को गंभीरता से लेते हुए टोन-टोटके का भी सहारा ले रहे हैं।

उनके ही सहयोगी रणजीत सिंह ने उन पर लंगूर, सूअर और बंदरों की बली देने का आरोप लगाया था, जिसके बाद हरीश रावत की एक ऐसी तस्वीर भी सोशल मीडिया पर देखि गई जिसमें वो चावल गिनने वाले ‘पुछेरे’ के पास भी देखे गए।

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