देवभूमि उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस नेता हरीश रावत अपने मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वादे पर बुरी तरह घिरते नजर आ रहे हैं। दरअसल अब बरेली की एक दरगाह ने अपना बयान जारी करते हुए कहा है कि कॉन्ग्रेस उनके हित में काम करती है और हरीश रावत को इसीलिए जितना आवश्यक है।

दरगाह आला हजरत बरेली के प्रवक्ता सहाबुद्दीन का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वो उत्तराखंड चुनाव के विषय में कॉन्ग्रेस इसके अजेंडे को अपना समर्थन देते सुने जा सकते हैं।

https://twitter.com/ashu_nauty/status/1491029687577223170

प्रवक्ता सहाबुद्दीन ने अपने बयान में कहा,

“उत्तराखंड में भाजपा ने मुस्लिमों के साथ नाइंसाफी की और उनके अधिकारों को छीना है। जहाँ अल्पसंख्यकों की योजनाएँ, मदरसों और अल्पसंख्यकों की स्कीम थीं, उन्हें हाशिए पर डाल दिया गया। जो इस्लाम का जो पहला फर्ज है, वो नमाज है। सबसे अफ़सोस की बात ये है कि बदरीनाथ मस्जिद में (स्पष्ट करते हुए) बदरीनाथ मंदिर में मुस्लिमों को नमाज पढ़ने से रोक दिया गया।”

इसके आगे कॉन्ग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हरीश रावत को अपना समर्थन व्यक्त करते हुए सहाबुद्दीन ने कहा,

“इस से अच्छी सरकार तो हरीश रावत ने चलाई। हरीश रावत ने कम से मुस्लिमों के साथ वो ज्यादतियाँ तो नहीं कीं, जो भाजपा ने की। हरीश रावत ने मुस्लिमों के विकास और उनकी तरक्की के लिए अच्छे काम किए। उम्मीद है कि आगे भी आगर हरीश रावत को मौका मिलता है तो वो मस्जिदों और मदरसों के लिए काम करेंगे।”

उल्लेखनीय है कि कुछ ही दिन पूर्व कॉन्ग्रेस नेता हरीश रावत ने अपने ही पार्टी के एक मुस्लिम नेता को यह दिलासा दिया है कि राज्य में कॉन्ग्रेस की सरकार आने पर वो मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाएँगे।

इस बयान के सार्वजानिक होने के बाद हरीश रावत की जमकर आलोचना होने लगी। कुछ लोगों ने हरीश रावत को ‘मौलाना हरीशुद्दीन’ कहना शुरू कर दिया तो कहीं हरीश रावत की तुलना सर सैयद अहमद खान से की जाने लगी।

देवभूमि में मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलने के वादे के बाद हरीश रावत की तुलना अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्थापक और द्विराष्ट्र सिद्धांत के जनक सर सैयद अहमद खान से होने लगी।

सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे चित्र भी देखे गए, जिनमें फोटोशॉप के माध्यम से सर सैयद अहमद खान के चेहरे को बदल कर उसमें हरीश रावत से मिलते जुलते किसी चेहरे को लगा दिया गया। हालाँकि, कॉन्ग्रेस ने इसे हरीश रावत का ही चेहरा मानकर उन लोगों की खोज शुरू कर दी, जिनके द्वारा यह तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की गई थी।

भाजपा उत्तराखंड ने FIR की कॉपी शेयर करते हुए लिखा है, “हार दा, लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने के लिए पुलिस का सहारा। किस बात का डर है आपको, ऐसे क्यों बौखला गए हैं आप? लेकिन आप जितनी मर्जी FIR करवा लीजिए भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता नहीं झुकेगा और देवभूमि की संस्कृति को बचाने की लड़ाई लड़ता।

ऐसा ही एक ताजा पोस्टर देहरादून स्थित रिस्पना पुल पर नजर आया, जिसमें हरीश रावत जैसे दिखने वाले किसी व्यक्ति की तस्वीर लगाई गई थी। दावा किया गया था कि कॉन्ग्रेस की सरकार आने पर राज्य में मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी। हालाँकि, यह काम किसका था यह अज्ञात है।

https://twitter.com/ashu_nauty/status/1490893359858085888?s=21

बता दें कि हरीश रावत सीएम रहते 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान हरिद्वार ग्रामीण और किच्छा, दोनों सीट से चुनाव हार गए थे।

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