तमिलनाडु के तंजावुर में हिंदू छात्रा लावण्या ने पिछले दिनों आत्महत्या कर ली। वह सेक्रेड हार्ट हायर सीनियर सेंकेंडरी स्कूल की छात्रा थी। आरोप है कि स्कूल के अधिकारियों की ओर से उस पर ईसाई मत अपनाने यानी कन्वर्जन का दबाव डाला जा रहा था।

क्या है मामला

लावण्या की 19 जनवरी को मौत हो गई। तमिलनाडु के जिला तंजावुर के सेंट माइकल्स गर्ल्स होम नाम के एक बोर्डिंग हाउस स्‍कूल में पढ़ने वाली 17 साल की लावण्या ने हॉस्‍टल की वार्डन से परेशान होकर आत्‍महत्‍या कर ली थी।

लावण्या के साथ बहुत क्रूरता की गई। शौचालय तक की सफाई उससे कराई जाती थी। उसे छुट्टियाँ नहीं दी गईं। इस मामले में प्रदेश भाजपा और हिंदू संगठन छात्रा को न्याय दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने भी कहा कि मामले के तह तक जाकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जो भी दोषी होगी उसे छोड़ा नहीं जाएगा।

17 वर्षीय लावण्या को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए कथित तौर पर दबाव डाला गया और उसे मौत के घाट उतार दिया गया। चौंकाने वाली और निराश करने वाली इस कहानी में और भी परतें हैं, हर एक परत पहले की तुलना में अधिक भयानक है। हालाँकि, FIR में उत्पीड़न का तो जिक्र है लेकिन इसमें भी धर्मान्तरण के लिए दबाव का जिक्र नहीं किया गया है।

मुख्यधारा की मीडिया ऐसी कहानियों को ‘सफेद’ करने में कोई कसर नहीं छोड़ता है। नाबालिग के 44 सेकंड के वीडियो में, वह अपने उत्पीड़न की कहानी बता रही है। तंजावुर के माइकलपट्टी में सेक्रेड हार्ट्स हायर सेकेंडरी स्कूल में बारहवीं कक्षा की छात्रा लावण्या सेंट माइकल गर्ल्स होम नामक एक बोर्डिंग हाउस में रह रही थी।

लावण्या ने वीडियो में हॉस्टल वार्डन के अपने साथ की गई यातना और उत्पीड़न के बारे में बताया है। नाबालिग ने पहले अपने नाम और अपने माता-पिता के बारे में बताया और फिर एक-एक करके घटनाओं के बारे में बताया। उसने कहा कि वार्डन द्वारा प्रताड़ित किए जाने के बाद उसने जहर खा लेने का कठोर कदम उठाया।

मामला मद्रास हाईकोर्ट पहुँच चुका है। हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने शुक्रवार (28 जनवरी, 2022) को सुनवाई पूरी कर ली है और फैसला सुरक्षित रख लिया है। एक वीडियो में दावा किया है क‍ि स्कूल प्रबंधन ने उसे जबरन ईसाई धर्म स्वीकार करवाया था।

इस मामले में पुलिस ने स्कूल के हॉस्टल के वार्डन को गिरफ्तार किया है। उधर, मृतका के माता-पिता के अधिवक्ता इस मामले की जाँच के लिए राज्य पुलिस से उम्मीद न होने की बात कहते हुए क्राइम ब्रांच, अपराध जाँच विभाग (सीबीसीआईडी) या किसी अन्य इकाई से जाँच कराने की माँग की है।

एनसीपीसीआर की टीम ने तंजावुर जाने का भी फैसला किया है। टीम में आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो भी रहेंगे। तमिलनाडु सरकार ने स्थानीय निकाय चुनाव और आचार संहिता का हवाला देते हुए आवश्यक सहायता उपलब्ध कराना नहीं चाह रही है फिर भी टीम तंजावुर जाएगी।

टीम 30 और 31 जनवरी को तंजावुर में रहेगी और पूछताछ करेगी। पीड़ित माता-पिता से बातचीत के दौरान एसपी और जाँच अधिकारी को उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है। टीम बच्ची के सहपाठियों, इलाज करने वाले डॉक्टर और छात्रा का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर और स्कूल प्रशासन से भी पूछताछ करेगी।

अपनी टिप्पणी जोड़ें
Share.

दी लाटा का एकमात्र उद्देश्य समाचार, विश्लेषण एवं संस्मरणों के माध्यम से भारत की बात कहना है।

Exit mobile version