पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार में मुक्‍तसर जिले में किसानों पर आधी रात को पुलिस ने लाठियाँ बरसाईं, जिसमें 7 अन्नदाता घायल हो गए। गुलाबी सुंडी के कारण किसानों की नरमा (कपास) की फसल खराब हो गई। बताया जा रहा है कि किसानों के साथ मुआवजा बाँटने में भेदभाव किया गया, जिसे लेकर किसान लम्बे समय से विधानसभा क्षेत्र लंबी में प्रदर्शन कर रहे थे।

लाठीचार्ज की अगली सुबह भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां द्वारा गुलाबी सुंडी के हमले से खराब हुई फसल के मुआवजे की माँग करने वाले किसानों पर लाठीचार्ज करने की सख्त शब्दों में निदा करते हुए जिला प्रबंधकीय परिसर में धरना देकर पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

मुआवजे की माँग को लेकर भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) की अगुआई में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सोमवार शाम को लंबी के नायब तहसीलदार अरजिंदर सिंह सहित अन्य कर्मचारियों को उनके कार्यालय में बंधक बना लिया।

इसके बाद किसानों को खदेड़़ने के लिए रात 12 बजे के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसमें किसान हरपाल सिंह किल्लेयांवाली, निशान सिंह कक्खांवाली, जगदीप सिंह खुड्डियां, दविंदर सिंह मानांवाला, एमपी सिंह भुल्लरवाला, गुरलाभ सिंह कक्खांवाली, काला सिंह खुन्नण खुर्द आदि घायल हो गए। लाठीचार्ज के बाद नायब तहसीलदार सहित सभी बंधक कर्मचारियों को छुड़ाया गया।

लाठीचार्ज में दो दर्जन के करीब किसान घायल हो गए व आधा दर्जन से अधिक किसान अस्पताल में दाखिल हैं। नेताओं ने कहा कि सरकार घायलों का मुफ्त इलाज कर बनता मुआवजा दे व लाठीचार्ज करने का आदेश देने वाले अधिकारी पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यदि माँगें न मानी गई तो संघर्ष को ओर तेज किया जाएगा।

किसानों का आरोप है कि गुलाबी सुंडी से खराब हुई नरमा फसल का मुआवजा बाँटने में मुक्तसर जिले की अनदेखी की गई। मुक्तसर जिले में नरमा की खेती अधिकतर लंबी ब्लॉक में ही होती है।

गिरदावरी में लंबी ब्लाॅक के केवल 6 गाँवों को ही शामिल किया गया है और उन्हें भी अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया। इसके अलावा, अन्य करीब 30 गाँवों को शामिल ही नहीं किया गया। भाकियू की अगुआई में किसान तहसील कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।

उधर, किसानों की ओर से बंधक बनाए जाने पर देर रात को ही पटवारियों ने बाहर आने के बाद वहीं पर राष्‍ट्री्य राजमार्ग पर धरने पर बैठ गए।

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