प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार (08 फरवरी, 2022) को राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दे रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कॉन्ग्रेस राज में की गई बड़ी भूलों का भी जमकर जिक्र किया। साथ ही, लोकतंत्र और केंद्र व राज्य को लेकर कॉन्ग्रेस को जमकर घेरा।

पीएम मोदी ने कहा कि कॉन्ग्रेस के रवैये को देखकर ऐसा लगता है कि वे अगले 100 साल तक सत्ता में नहीं आना चाहते। उन्होंने कहा, “आपने जब ऐसी तैयारी कर ली है तो फिर हमने भी कर रखी है।”

अगर कॉन्ग्रेस न होती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कहा कि अगर महात्मा गाँधी की इच्छानुसार कॉन्ग्रेस न होती तो क्या होता। उन्होंने कहा कि अगर कॉन्ग्रेस न होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता, अगर कॉन्ग्रेस न होती तो भारत विदेशी चस्पे के बजाय स्वदेशी संकल्पों के रास्ते पर चलता।

अगर कॉन्ग्रेस न होती तो देश पर इमरजेंसी का कलंक नहीं होता, दशकों तक करप्शन को संस्थागत न बनाकर रखा होता, जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी नहीं होती।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

अगर कॉन्ग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार न होता, सालों-साल पंजाब आतंक की आग में न जलता, कश्मीर के पंडितों को कश्मीर छोड़ने की नौबत न आती, बेटियों को तंदूर में जलाने की घटनाएँ न होती, देश के सामान्य आदमी को मूल सुविधाओं के लिए इतने साल इंतजार न करना होता।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज के समय में कॉन्ग्रेस पूरी तरह से अर्बन नक्सल के नियन्त्रण में है। कॉन्ग्रेस को नेशन से भी समस्या है। अगर ऐसा है तो आपकी पार्टी का नाम ‘इंडियन नेशनल कॉन्ग्रेस’ क्यों है। अगर दिक्कत है तो पार्टी का नाम बदल लीजिए और इसे ‘फेडरेशन ऑफ कॉन्ग्रेस’ कर देना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा, ”मैं गुजरात में था, मुझ पर क्या-क्या जुल्म हुए दिल्ली की सरकार द्वारा। इतिहास गवाह है, क्या कुछ नहीं हुआ मेरे साथ। गुजरात के साथ क्या नहीं हुआ, लेकिन उस कालखंड में भी मैं एक ही बात कहता था कि देश के विकास के लिए गुजरात का विकास. दिल्ली में किसकी सरकार है ये सोचकर नहीं चलते थे।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कॉन्ग्रेस ने किसी को नहीं छोड़ा, अपने नेताओं तक को नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि नेहरू ने गोवा को 15 साल तक उपनिवेश बनाए रखा ताकि उनकी छवि बनी रहे।

पीएम मोदी ने बोलने की आजादी को लेकर होने वाली आचोचना का जवाब एक किस्सा सुनाते हुए कहा। PM नरेंद्र मोदी ने एक किस्सा याद दिलाते हुए कहा कि लता मंगेशकर के छोटे भाई पंडित हृदयनाथ को ऑल इंडिया रेडियो से निकाल दिया गया था। उनका गुनाह ये था कि उन्होंने वीर सावरकर की एक देशभक्ति से भरी कविता की रेडियो पर प्रस्तुति कर दी थी। 8 दिन के अंदर उन्हें निकाल दिया गया।

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