NIA कोर्ट ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के संस्थापक हाफिज सईद, हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन, यासीन मलिक, शब्बीर शाह, मसरत आलम सहित 15 कश्मीरी कट्टरपंथी आतंकियों के खिलाफ UAPA की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया है।
जस्टिस परवीन सिंह ने इसे सुनियोजित साज़िश बताते हुए कहा कि इनका मक़सद कश्मीर को भारत से अलग करना था। इस साज़िश में पाकिस्तानी एजेंसी ISI के लोग शामिल थे।
जस्टिस सिंह ने कहा कि पाकिस्तान से मिलने वाली आर्थिक मदद के ज़रिए कश्मीर में रक्तपात, हिंसा और तबाही मचाना मक़सद था और इसे ‘गाँधीवादी प्रदर्शन’ नाम दिया गया।
यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (Jammu-Kashmir Liberation Front) का मुखिया भी है, जिस पर भारतीय वायुसेना के 4 कर्मियों की हत्या के आरोप में भी केस चल रहा है।