अपनी आवाज से लोगों के दिलों में एक विशेष जगह बनाने वाली प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का रविवार सुबह 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद उन्हें पिछले महीने ही मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था।

लता मंगेशकर की बहन उषा मंगेशकर ने मीडिया में यह जानकारी दी। संगीत के क्षेत्र में बुलंदियाँ हासिल करने वाली लता मंगेशकर के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,

“मैं ये दुख शब्दों में बयान नहीं कर पा रहा हूँ। लता दीदी हमें छोड़कर चली गईं। वह हमारे देश में एक खालीपन छोड़ गई है, जिसे भरा नहीं जा सकता। आने वाली पीढ़ियाँ उन्हें भारतीय संस्कृति के एक दिग्गज के रूप में याद रखेंगी, जिनकी सुरीली आवाज में लोगों को मंत्रमुग्ध करने की अद्वितीय क्षमता थी।”

लता मंगेशकर ने गया था गढ़वाली फिल्म के लिए गाना

इस बात से कम ही लोग अवगत हैं कि लता मंगेशकर एक गढ़वाली फिल्म के लिए भी गाना गा चुकी हैं और इसके बदले में उन्होंने एक रुपया तक नहीं लिया। वर्ष 1990 में ‘रैबार’ नाम की एक गढ़वाली फिल्म के एक गीत के लिए लता मंगेशकर ने अपनी आवाज दी थी।

https://twitter.com/ashu_nauty/status/1490200056389324800

रैबार शब्द का हिंदी अर्थ ‘सन्देश’ होता है और इस फिल्म में पलायन के विषय को रखा गया था। लता मंगेशकर द्वारा गए गए इस एकमात्र गढ़वाली गीत के बोल थे “मन भरमेगे मेरू।” इस गीत के बोल देवी प्रसाद सेमवाल ने लिखे थे और इसे कुँवर सिंह रावत ने संगीत दिया।

रैबार फिल्म के इस गीत की रिकार्डिंग अक्टूबर, 1988 में की गई थी। इस गीत के बदले जब लता मंगेशकर को इसका भुगतान किया गया तो उन्होंने यह राशि छोटे बच्चों की एक सामाजिक संस्था के नाम कर दी। बता दें कि गढ़वाली संगीत तथा कला के संपन्न इतिहास में महेंद्र कपूर भी अपनी आवाज दे चुके हैं।

इस गीत को आप इस यूट्यूब लिंक पर भी देख सकते हैं

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