शिक्षकों की हिन्दूघृणा के चलते विवाद में आए दिल्ली स्थित कोचिंग संस्थान ‘Vision IAS’ के दफ्तर में इनकम टैक्स के छापे की खबर सामने आ रही हैं।

आयकर विभाग के अधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पूसा रोड स्थित कोचिंग संस्थान के परिसर और कुछ अन्य स्थानों पर यह छापेमारी की गई।

हालाँकि, अभी इस रेड की आधिकारिक पुष्टि होनी बाकी है। सिविल सर्विसेज की कोचिंग करवाने वाले ‘विजन आईएएस’ की एक ट्यूटर स्मृति शाह के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे जिसके बाद यह संस्थान चर्चा में है।

https://twitter.com/ashu_nauty/status/1499267256190402563

दरअसल Vision IAS के अलग-अलग शिक्षकों के कुछ ऐसे वीडियो सामने आये हैं जिनमें वो आईएएस की कोचिंग कराने वाले कम और इस्लामिक प्रोपेगेंडा पढ़ाने वाले जाकिर नाइक या मौलाना तारीक जमील ज्यादा नजर आ रहे हैं। जिन लोगों ने ‘विजन’ कोचिंग के इस मजहबी अजेंडा को एक्सपोज किया, उनके ट्विटर अकाउंट डिलीट कर दिए गए और यूट्यूब पर ऐसे वीडियो को फेक कॉपीराइट क्लेम के जरिए डिलीट कर दिया गया।

Vision IAS का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें विजन कोचिंग की एक महिला टीचर जिसका नाम कि स्मृति शाह बताया जा रहा है, सिर्फ इस्लाम की प्रचारक नजर आई हैं। स्मृति शाह छात्रों को ‘भक्ति आंदोलन’ पढ़ा रही हैं और समझा रही है कि कैसे ये आंदोलन इस्लाम में के उदारवाद की वजह से भारतीय समाज में शुरू किया गया।

इस वीडियो में ये इस्लामिक प्रोपेगेंडा प्रीचर भक्ति आन्दोलन को एक कल्ट बताते हुए इसका उद्देश्य पूछती हैं। खुद ही इसका जवाब देते हुए कहती है कि सातवीं-आठवीं शताब्दी में जब कुछ नहीं था तब इस्लाम आ गया था जिस वजह से हिन्दुओं ने भक्ति आन्दोलन शुरू किया।

उसका कहना है कि “इस्लाम बहुत लिबरल यानी उदार मजहब था और उसमें समानता के बारे में बारे में बताया गया था। कोई जाति व्यवस्था भी नहीं थी। वो कहती है कि इस्लाम की एक खासियत थी जिसमें वह ईश्वर (अल्लाह) के प्रति पूरे समर्पण को लेकर बात करते थे। वे एक ईश्वर के कॉन्सेप्ट पर बात कर रहे थे।”

इस महिला और इस कोचिंग के शिक्षकों के ऐसे कई वीडियो सामने आए जिनमें उसने द्रौपदी से ले कर भारतीय या ये कहें कि स्पष्ट रूप से हिन्दुओं की संस्था पर ही हमला किया हुआ है।

इन वीडियो में कहा गया है कि औरंगजेब सबसे ज्यादा नैतिक व्यक्ति था। कश्मीर में हिन्दुओं के नरसंहार तक को जायज बताया गया है। किसी वीडियो में शिक्षक बच्चों से स्पष्ट तौर पर कहा जा रहा है कि वो अपने एग्जाम में औरंगजेब की मजहबी नीतियों के बारे में ना लिखें। यही ट्यूटर बच्चों को समझाता है कि मुगल शासन काल में अकबर महान शासक थे इसलिए मुगल काल मजबूत था।

दुर्गा माता के जागरण पर भद्दे व्यंग्य किए गए हैं। नींबू-मिर्ची और नारियल फोड़ने पर भी व्यंग्य है। भारतीयों के संयुक्त परिवार की अवधारणा को कॉमन प्रॉपर्टी, सेक्सुअल ग्रैटिफिकेशन, रिप्रोडक्शन तक केंद्रित कर पढ़ाया जा रहा है। वीडियो में द्रौपदी का भी उदाहरण दिया गया है।

अपनी टिप्पणी जोड़ें
Share.

दी लाटा का एकमात्र उद्देश्य समाचार, विश्लेषण एवं संस्मरणों के माध्यम से भारत की बात कहना है।

Exit mobile version