हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में कथित हेट स्पीच के एक मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने वसीम रिजवी उर्फ़ जीतेन्द्र नारायण त्यागी को जमानत देने से इनकार कर दिया है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार (08 मार्च, 2022) को धर्म संसद के नाम पर कथित ‘भड़काऊ भाषण’ देने के आरोप में गिरफ्तार वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी की जमानत याचिका पर सुनवाई की।

सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने जीतेन्द्र नारायण त्यागी की जमानत याचिका को निरस्त कर दिया है। उल्लेखनीय है कि हरिद्वार में हुई धर्मसंसद में भाषण देने के बाद सुप्रीम कोर्ट में वसीम रिजवी को गिरफ्तार करने की माँग पहुँची थी।

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सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में मामला आने के बाद हरकत में आई हरिद्वार पुलिस ने जनवरी माह की शुरुआत में ही उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को हरिद्वार की सीमा नारसन में एंट्री करते ही गिरफ्तार कर लिया। रिजवी के खिलाफ हरिद्वार कोतवाली में तीन अलग-अलग मुकदमें दर्ज है।

हरिद्वार की धर्म संसद के बाद उन पर आरोप लगाया गया कि उनके बयान में मुसलमानों के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आह्वान करते हुए मुसलमानों के पवित्र ग्रन्थ कुरान व पैगम्बर साहब के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग भी किया गया था।

गत वर्ष 17 से 19 दिसंबर को उत्तरी हरिद्वार के वेद निकेतन आश्रम में हुई धर्म संसद दुनियाभर में सुर्खियों में आई। इस संसद के बाद जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानन्द गिरी को भी हरिद्वार में गिरफ्तार किया गया। हालाँकि, उन्हें बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।

यति नरसिंहानन्द गिरी पर आरोप था कि उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक और अशालीन टिप्पणियाँ की थीं। इसकी शिकायत पर आईपीसी की धारा 295A और 509 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। पहली धारा धार्मिक भावनाओं को भड़काने से जुड़ी है और दूसरी महिलाओं के शीलभंग से संबंधित है।

हरिद्वार स्थित ज्वालापुर निवासी नदीम अली ने हरिद्वार कोतवाली में 2 जनवरी, 2022 को शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में कहा गया कि हिन्दू साधु संतों ने हरिद्वार में 17 से 19 दिसम्बर को धर्म संसद का आयोजन किया जिसमें हेट स्पीच का प्रयोग किया गया था।

बता दें कि धर्म संसद के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने शुरू हुए थे और इसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा था।

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