ऐसे समय में, जब हास्य के नाम पर बॉडी शेमिंग का सहारा लेने वाले क्रिस रॉक हॉलीवुड अभिनेता विल स्मिथ से घूँसा खाने के लिए बदनाम हो गए हैं, भारत में ‘कॉमेडीयंस’ आज भी ‘हास्य’ के लिए सबसे घटिया और सस्ते तरीकों पर निर्भर हैं।
यूट्यूबर और बीबी की वाइन्स (BB Ki Vines) चैनल के लिए कुख्यात ‘हास्य कलाकार’ भुवन बाम (Bhuvan Bam) अपने फूहड़ और घटिया चुटकुलों के कारण विवाद में आ गए हैं। भुवन बाम अपने एक वीडियो में पहाड़ की महिलाओं के बारे में अश्लील टिप्पणी करने के कारण सोशल मीडिया में चर्चा का विषय हैं। अब इस मामले में महिला आयोग तक से कार्रवाई की माँग की जा रही है।
आशीष नौटियाल ने यह वीडियो शेयर करते हुए लिखा है,
“पहाड़न चलेगी? ये आदमी (भुवन बाम) मुझे शुरू से ही कभी जमा नहीं। लोगों में भेड़चाल है कि जैसा बाक़ी लोग देखते बोलते हैं उसे सराहा जाए और वैसा ही देखा या शेयर किया जाए। ये इंसान पहले अपने घर की माँ, बेटी और बहनों को किसी दलाल के पास भेजे, बाक़ी समाज उसके बाद है।”
दरअसल, यूट्यूब पर घटिया चुटुकलों को ‘कॉमेडी’ का नाम देने वाले भुवन बाम का एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसमें वो हास्य के लिए फ़ोन पर वार्तालाप कर रहे हैं। इसमें वो फूहड़ कॉमेडी के नाम पर डबल मीनिंग (द्विअर्थी) शब्दावली का इस्तेमाल करते हुए कहते हैं,
“मेरे अंकल डीलर हैं। वो बढ़िया मॉडल दिखा देंगे आपको।”
“दो लाख का बजट है मेरा। कोई मॉडल बताइये बढ़िया।”
“लम्बी, रंग, सफ़ेद, कहाँ से?”
“जर्मन मॉडल तो नहीं है लेकिन पहाड़न है।”
“कितना देती है?
“ये कुछ नया है।”
“घंटे के हिसाब से देती है।”
“कह रहे हैं बढ़िया मॉडल है, पीछे से भी ले सकते हैं।”
“आपको कैसे पता?”
“मुझसे ज्यादा मेरी बीवी उत्सुक है”
“जिगोलो” (वेश्यावृत्ति करने वाले पुरुष को जिगोलो कहा जाता है)
अगर देखा जाए तो इस पूरे संवाद में आपको कोई अर्थ नहीं मिलेगा और ना ही कोई हास्य। क्योंकि ऐसे वार्तालाप अक्सर सोशल मीडिया पर तब सुने और देखे जाते हैं जब किसी को हास्य परोसने का मन तो हो लेकिन उसके पास हास्य की कोई वजह ना हो।
द्विअर्थी संवाद हास्य की सबसे घटिया श्रेणी ही मानी जा सकती है। सोशल मीडिया पर इस अपमानजन वीडियो से आहत दर्शकों ने NCW प्रमुख रेखा शर्मा से इस मामले में कार्रवाई करने की माँग की है।
बॉलीवुड लेखिका अद्वैता काला (Advaita Kala) ने ट्वीट करते हुए रेखा शर्मा को टैग किया है और लिखा है कि यह मजाक नहीं है। यह अश्लील, महिला विरोधी कूड़ा है जो विशेष रूप से पहाड़ की महिलाओं के बारे में कहा जा रहा है।
जर्नलिस्ट किशोर जोशी ने लिखा है,
“निहायत ही घटिया वीडियो और टिप्पणी है। कभी ऐसे लोगों को भी #WilllSmith जैसा घूँसा पड़ेगा। इस तरह के बेहूदा वीडियो बनाने पर। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर जी खुद पहाड़ी राज्य से आते हैं, उनसे ऐसे लोगों के चैनल और कंटेंट पर पर ऐक्शन लेने की अपेक्षा तो रख ही सकते हैं।”
देहरादून के ही सोशल मीडिया इन्फ़्लूएन्सर आलोक नौटियाल इस पर लिखते हैं, “ये हैं इंडिया का फेमस यूट्यूबर। गालीबाज़ YouTuber बना हुआ है। इसको देख के लोग अपने आप को कूल समझते हैं।”
प्रज्ञा बड़थ्वाल ने लिखा है कि वो भुवन बाम को विल स्मिथ की ही तरह घूँसा मारना चाहती हैं।
रितेश झा ने लिखा है कि “पहाड़न है। आगे से और पीछे से लेती है। घंटे के हिसाब से देती है। ये सब चलेगा लेकिन Liberal Doge पाकिस्तानी लड़की पे कुछ बोले तो जेल में डालो उसको।”
हैरानी की बात है कि यही भुवन बाम ‘महिलाओं के अधिकारों’ के लिए भी वीडियो बना कर वामपंथी प्रॉपगेंडा वेबसाइट ‘दी क्विंट’ पर भी नज़र आ चुका है। यानी, कुणाल कामरा गिरोह के ‘प्रगतिशील हास्य कलाकार’ के पूरे लक्षण भुवन बाम में देखे जा सकते हैं।
भारत में कॉमेडी का गिरता स्तर
भुवन बाम अकेला ऐसा ‘कॉमेडियन’ नहीं है, जिसने भारत में इंटरनेट के बढ़ते चलन ने सस्ती लोकप्रियता दिलाने में मदद की हो। हालाँकि, ये लोग इसके साथ यह भूलते चले गए कि वो युवा पीढ़ियों, खासकर स्कूल, कॉलेज जाने वालों को हास्य की घटिया शैली की ओर धकेल रहे हैं।
AIB जैसे शो ने ऐसे कई लोगों को तैयार करने में अपनी भूमिका निभाई है, जिसमें सिर्फ ‘डैन्क’ नजर आने के लिए लोग अपने माँ-बाप के ऊपर भी घटिया जोक्स बनाकर हँसते देखे जाते हैं।
ऐसा ही एक कॉमेडियन मुनव्वर फारुखी भी पिछले कुछ समय से चर्चा में था, जो गोधरा में जान गँवाने वाले हिन्दुओं पर घटिया चुटकुले बनाते देखा गया था। हालाँकि, बड़े स्तर पर बहिष्कार के बाद वह आज भी भटक रहा है।